
मुनंबम की जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा खारिजकेरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम निर्णय सुनाते हुए मुनंबम की विवादित जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित करने के **केरल वक्फ बोर्ड (KWB)** के 2019 के आदेश को **अवैध** ठहरा दिया। अदालत ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने बिना ठोस सबूत और कानूनी प्रक्रिया का पालन किए यह फैसला सुनाया था।यह मामला **एर्नाकुलम जिले के मुनंबम इलाके** की एक कीमती जमीन से जुड़ा है, जिस पर कई सालों से मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा था। वक्फ बोर्ड ने 2019 में इसे “मस्जिद से जुड़ी वक्फ संपत्ति” बताते हुए अपने अधिकार में लेने का आदेश दिया था। इस फैसले को जमीन के मौजूदा दावेदारों ने अदालत में चुनौती दी थी।अदालत ने अपने फैसले में साफ कहा कि —>

“किसी संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले यह साबित होना जरूरी है कि वह संपत्ति वास्तव में धार्मिक या परोपकारी उद्देश्य से स्थायी रूप से समर्पित की गई हो। केवल ऐतिहासिक दावों या मौखिक बयानों के आधार पर ऐसा फैसला नहीं किया जा सकता।”हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब वक्फ बोर्ड के कई पुराने निर्णयों पर भी सवाल उठ सकते हैं, खासकर वे जिनमें पर्याप्त दस्तावेजी सबूत नहीं हैं।पृष्ठभूमि:* विवादित जमीन लगभग **3 एकड़** क्षेत्र में फैली है।* स्थानीय समुदाय का एक वर्ग इसे “मस्जिद से जुड़ी जमीन” मानता था, जबकि दूसरे पक्ष का कहना था कि यह उनकी निजी संपत्ति है।

2019 में वक्फ बोर्ड ने इसे धार्मिक संपत्ति मानकर रजिस्टर में दर्ज कर लिया था।अब आगे क्या?हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद जमीन के मालिकाना हक पर फिर से दावा करने का रास्ता खुल गया है। साथ ही वक्फ बोर्ड के सामने यह चुनौती है कि वह भविष्य में ऐसे मामलों में **पारदर्शी और कानूनी प्रक्रिया** का पालन करे।कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में एक नजीर बन सकता है, क्योंकि यह बोर्ड की शक्तियों की सीमा और जवाबदेही दोनों तय करता है।🔑 कीवर्ड्स:केरल हाई कोर्ट, मुनंबम जमीन विवाद, वक्फ संपत्ति, केरल वक्फ बोर्ड, कोर्ट फैसला, एर्नाकुलम, धार्मिक संपत्ति विवाद, केडब्ल्यूबी 2019 आदेश, वक्फ कानून, संपत्ति अधिकार
Reported By – Jatin Sisodiya