
हाल ही में मोहन सरकार ने ₹5,200 करोड़ का नया कर्ज लेने का निर्णय लिया है। यह कदम राज्य की वित्तीय स्थिति को संभालने और विकास कार्यों को जारी रखने के लिए उठाया गया है। इससे पहले लगभग 26 दिन पहले सरकार ने ₹3,000 करोड़ का कर्ज लिया था। इन दोनों कर्जों के अलावा, अब सरकार का कुल कर्ज ₹4,64,340 करोड़ तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है।
राज्य स्थापना दिवस, लाडली बहना व अन्य भुगतान के लिए मोहन सरकार 5200 करोड़ रुपए का नया ले रही है. दो किश्तों वाले नए लोन की पहली किश्त 2700 करोड़ और दूसरी किश्त 2500 करोड़ की होगी. इससे राज्य का कुल सरकारी लोन बढ़कर 4,64,340 करोड़ पहुंच जाएगा.
प्रोजेक्ट्स व कम्युनिटी डेवलपमेंट योजना के लिए सरकार ले रही है नया लोन
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक एमपी सरकार 5200 करोड़ रुपए नया लोन प्रोजेक्ट्स और कम्युनिटी डेवलपमेंट स्कीम्स के लिए ले रही है. इनमें एक नवंबर को आयोजित होने वाले राज्य स्थापना दिवस, लाड़ली बहना योजना की किश्त और अन्य भुगतान शामिल है. मौजूदा कुल सरकारी कर्ज 4 लाख 64 हजार 340 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।
सरकारी कर्ज का बढ़ना आर्थिक गतिविधियों और विभिन्न विकास योजनाओं के लिए फंडिंग की आवश्यकता को दर्शाता है। मोहन सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि ये कर्ज मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए उपयोग किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि सही निवेश और वित्तीय प्रबंधन से यह कर्ज राज्य की आर्थिक समृद्धि में योगदान देगा।
कर्ज बढ़ने के साथ ही सरकार को अपनी राजकोषीय नीति में सावधानी बरतनी होगी ताकि कर्ज servicing पर बोझ ज्यादा न बढ़े और राज्य की वित्तीय स्थिरता बनी रहे। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को कर्ज की वापसी के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी और राजस्व संग्रहण को बढ़ावा देना होगा।
इस प्रकार, मोहन सरकार द्वारा लिए गए नए कर्ज और कुल कर्ज में हुई वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि राज्य आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन इसके साथ ही विकास के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने का प्रयास भी जारी है। आगामी समय में सरकार की नीतियों और वित्तीय प्रबंधन पर नजर रखी जाएगी कि कैसे यह कर्ज राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।
