
भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ खास बायोमेट्रिक स्कैनर लगा रही है। इन स्क्रेनर से घुसपैठियों की फोटो और बायोमेट्रिक डिटेल ली जा रही है, जिससे उनका डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा। यह तकनीक जम्मू-कश्मीर और पंजाब बॉर्डर पर भी लागू की जाएगी।
नई दिल्ली: भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा करने वाली बीएसएफ इन दिनों इस बॉर्डर पर खास तरह के बायोमेट्रिक स्कैनर लगा रही है। जिसमें बांग्लादेश की तरफ से भारत में घुसपैठ करने वाले तमाम घुसपैठियों की फोटो समेत बायोमेट्रिक डिटेल लेना शुरू किया गया है। इस तरह के अभी तक 296 स्कैनर लगा दिए गए हैं। आने वाले समय में एक हजार से अधिक स्कैनर और लगाए जाएंगे।
, बॉर्डर पर BSF लगा रही खास स्कैनरभारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ खास बायोमेट्रिक स्कैनर लगा रही है। इन स्क्रेनर से घुसपैठियों की फोटो और बायोमेट्रिक डिटेल ली जा रही है, जिससे उनका डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा। यह तकनीक जम्मू-कश्मीर और पंजाब बॉर्डर पर भी लागू की जाएगी।
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा करने वाली बीएसएफ इन दिनों इस बॉर्डर पर खास तरह के बायोमेट्रिक स्कैनर लगा रही है। जिसमें बांग्लादेश की तरफ से भारत में घुसपैठ करने वाले तमाम घुसपैठियों की फोटो समेत बायोमेट्रिक डिटेल लेना शुरू किया गया है। इस तरह के अभी तक लगभग 296 स्कैनर लगा दिए गए हैं। आने वाले समय में एक हजार से अधिक स्कैनर और लगाए जाएंगे।
बॉर्डर बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस खास सिस्टम को अभी तीन महीने पहले ही लांच किया गया है। इसके अच्छे रिजल्ट आने शुरू हो गए। इससे उत्साहित होकर अभी तक भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 296 खास बायोमेट्रिक स्कैनर लगा दिए गए हैं। अधिकतर स्कैनर पश्चिम बंगाल से साझा करने वाली बांग्लादेश सीमा पर लगाए गए हैं। जिन्हें आने वाले दिनों में त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय और असम बॉर्डर पर भी लगाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इस खास स्कैनर के बारे में सारी जानकारी तो साझा नहीं की जा सकती। लेकिन इतना जरूर बता सकता हूं कि इस स्कैनर के आने वाले समय में बड़े फायदे सामने आएंगे।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब बॉर्डर पर भी लगेंगे स्कैनरइसका फायदा यह होगा कि जब भी कोई घुसपैठिया दूसरी बार पकड़ा जाएगा। उसका सारा डिजिटल रिकॉर्ड हमारे पास होगा। क्योंकि, बीएसएफ इस रिकॉर्ड को एफआरआरओ को भी साझा करेगी। इसके बाद इस तरह के खास स्कैनर को जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भारत-पाकिस्तान समेत अन्य बॉर्डर पर भी लगाए जाने की योजना है। ताकि पकड़े जाने वाले तमाम घुसपैठियों का डिजिटल रिकॉर्ड भारत के पास रहे।
