
Indian Honks Too Much Horn: हवा में प्रदूषण और सड़कों पर नॉइस पॉल्यूशन कही न कही भारत के कुछ मेट्रो सिटीज में आम बात बन चुकी है। ऐसे में पोलैंड गए एक भारतीय ने सड़क पर बिना हॉर्न बजाय समझदारी के साथ ड्राइव कर रहे लोगों की वीडियो बनाते हुए भारतीयों पर सवाल उठाया।
भारत में पॉल्यूशन अगर एक समस्या है, तो नॉइस पॉल्यूशन (Noise Pollution- ध्वनि प्रदूषण) भी कोई छोटी-समस्या नहीं है। हालांकि, सड़क पर लगातार बेमतलब हॉर्न बजाने वालों की आलोचना करने से पहले ऐसे लोगों की तारीफ भी करनी चाहिए। जो बहुत सोच-समझकर, जरूरत पड़ने पर ही हॉर्न बजाते है। क्योंकि भारत में सड़क पर होने के साफ मतलब गाड़ियों के हॉर्न की आवाज आना होता है।
इंटरनेट पर वायरल एक वीडियो में पोलैंड गए भारतीय ने भी इंडियंस की इसी आदत की आलोचना की है। उसने वीडियो बनाते हुए पोलैंड की सड़क पर लगे ट्रैफिक को दिखाया है, जहां भीड़ के बावजूद गाड़ियां आराम-आराम से हॉर्न बजाते हुए निकल रही है। वीडियो बनाते हुए बंदा कहता है कि अगर इंडिया में इतना ट्रैफिक होता, तो लोग पो-पो करना शुरू कर देते हैं।
सड़क पर शांति

पोलैंड की सड़क पर चलते हुए बंदा व्लॉग बनाता है सड़क और अंडरपास पर चल रही गाड़ियों को दिखाता है। वह कहता है कि ‘कोई हॉर्न सुनाई दे तो बताना एक बार।’ दोनों तरफ की सड़क दिखाता हुए बंदा बताता है कि ‘ट्रैफिक भी है।’ वह कहता है कि ‘यहां पर लोग हॉर्न इसलिए भी नहीं बजाते, क्योंकि उसे आक्रामक (Aggressive) माना जाता है।’
कुनाल बताते है कि ‘यहां पर हॉर्न तभी बजाते है, जब किसी ने गंदा कट लिया हो, या मरते-मरते बचा हो। ऐसे परेशान करने के लिए नहीं बजाते यहां। और वीडियो मैं हिंदी में इसलिए बनाता हूं, ताकी सीखें, अपने यहां तो पो-पो, पो-पो कोई बजाते हुए ही जा रहा है पूरी सड़क पर, मतलब बाहर की जो अच्छी चीजें है, वो सीखों न वो ले आओ, अपने देश में।’ इसी के साथ यह वीडियो खत्म हो जाता है।