
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर वन्यजीव संरक्षण, विशेष रूप से बाघों (Tigers) को बचाने और उनकी संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दिया।एक पत्रकार के रूप में उनके प्रमुख बयान और घोषणाएँ निम्नलिखित हैं:

1. बाघों के संरक्षण और ‘टाइगर स्टेट’ का गौरवबाघों की महत्ता: मुख्यमंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि मध्य प्रदेश **सर्वाधिक बाघों** वाला राज्य है और एक बार फिर **’टाइगर स्टेट’** का गौरव प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि बाघ, चीते, घड़ियाल और गिद्ध प्रदेश की **पहचान** हैं।* **बाघों की संख्या में वृद्धि:** उन्होंने बताया कि राज्य में बाघों की संख्या बढ़कर **785** तक पहुँच गई है, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है।* **संरक्षण के प्रयास:** डॉ. यादव ने वन विभाग और वन्यजीव सुरक्षा में लगे सभी कर्मचारियों के **मेहनत और परिश्रम** की सराहना की। उन्होंने कहा कि बाघों के संरक्षण के लिए **संवेदनशील प्रयासों** की आवश्यकता होती है, जो वन विभाग के सहयोग से संभव हुए हैं।### **2. वन्यजीव संरक्षण के लिए नई पहल और नीतियां*** **रेस्क्यू सेंटर की स्थापना:** मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार **वन्यजीवों के रेस्क्यू सेंटर** बनाने की नीति पर काम कर रही है। वर्तमान में केवल भोपाल के वन विहार में ही रेस्क्यू सेंटर है, लेकिन अब **प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व** में रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाएंगे।* **नए चिड़ियाघर (Zoo):** उन्होंने बताया कि इंदौर, भोपाल और ग्वालियर की तरह अब **जबलपुर और उज्जैन** में भी **नए प्राणी उद्यान (Zoo)** स्थापित किए जाएंगे।* **इको-टूरिज्म और ई-वाहन:** * उन्होंने वन विहार को **’नो-व्हीकल ज़ोन’** घोषित करते हुए पार्क में घूमने के लिए **ई-वाहनों (E-Vehicles)** (गोल्फ कार्ट्स) का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह **प्रदूषण मुक्त पर्यटन** को बढ़ावा देगा और पर्यटकों को शांति के साथ सफारी का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। * उन्होंने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के लिए भी पर्यटक सफारी ई-वाहनों को हरी झंडी दिखाई।* **माधव टाइगर रिजर्व:** मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के **9वें टाइगर रिजर्व – माधव टाइगर रिजर्व** के शुभारंभ की बात भी कही, जहाँ एक बाघ और बाघिन को छोड़ा जाएगा, जिससे बाघों के कॉरिडोर को मजबूती मिलेगी।### **3. ‘सह-अस्तित्व’ और जन-भागीदारी पर ज़ोर*** **वन्यजीवों का संरक्षण हमारी विरासत:** डॉ. यादव ने वन्यजीवों को मध्य प्रदेश की **प्राकृतिक पूँजी** और **मानव-प्रकृति के सामंजस्य** की जीवंत विरासत बताया। उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण में **समुदाय के सहयोग** के बिना सफलता संभव नहीं है।

* **जल, थल और नभ में संरक्षण:** उन्होंने कहा कि सरकार केवल जंगलों ही नहीं, बल्कि **जल, थल और नभ** तीनों में इको-सिस्टम विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने घड़ियाल और गिद्धों के संरक्षण प्रयासों की भी सराहना की, और बताया कि अब प्रदेश में **किंग कोबरा** को बसाने की भी पहल की जा रही है।* **वन्यजीव सप्ताह का विषय:** इस वर्ष के राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का विषय **”मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व” (Human-Wildlife Coexistence)** रखा गया, जिसके माध्यम से जन-सामान्य में जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया।**निष्कर्ष:** मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का वन विहार दौरा और उनका बयान यह स्पष्ट करता है कि मध्य प्रदेश न केवल **टाइगर स्टेट** के अपने गौरव को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि वह वन्यजीव संरक्षण और ईको-टूरिज्म के क्षेत्र में **नई नीतियों और नवाचारों** के साथ एक **मॉडल राज्य** बनने की दिशा में भी अग्रसर है।
Reported By – Jatin Sisodiya