📰RTI आवेदनों के निस्तारण में मिलेगी मदद

उत्तर प्रदेश सरकार ने सूचना के अधिकार (RTI) से जुड़ी पारदर्शिता और जवाबदेही को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अब RTI आवेदनों के कुशल, समयबद्ध और पारदर्शी निस्तारण के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यह पहल राज्य सूचना आयोग और प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (ATI) के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई है। ट्रेनिंग के तहत अधिकारियों को यह सिखाया जा रहा है कि —
• RTI कानून, 2005 के प्रावधानों को सही ढंग से कैसे लागू किया जाए।
• सूचना मांगने वाले आवेदकों को तय समयसीमा में सटीक जानकारी कैसे उपलब्ध कराई जाए।
• अनावश्यक विलंब या गलत व्याख्या से बचने के तरीके क्या हैं।
• डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके पारदर्शिता को कैसे बढ़ाया जा सकता है।

सरकार का उद्देश्य है कि सूचना का अधिकार एक सशक्त नागरिक उपकरण बने और प्रशासनिक जवाबदेही में सुधार हो। ट्रेनिंग में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया —
“अक्सर RTI आवेदन में देरी या अपूर्ण जानकारी मिलने की शिकायतें आती हैं। इस ट्रेनिंग से अधिकारियों को यह समझने में मदद मिलेगी कि कानून की मंशा क्या है और उसे व्यावहारिक रूप से कैसे लागू किया जाए।”
विशेषज्ञों का कहना है कि इस पहल से राज्य में गवर्नेंस की गुणवत्ता में सुधार होगा और जनता का भरोसा सरकारी संस्थाओं पर और मजबूत होगा।
🔑 प्रमुख बिंदु:
• 📘 उद्देश्य: RTI निस्तारण में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना
• 🏛️ आयोजक संस्थान: राज्य सूचना आयोग और प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान
• 👨💼 प्रतिभागी: विभिन्न विभागों के सूचना अधिकारी
• 🕒 समयसीमा पर जोर: तय अवधि में जवाब देने की प्रक्रिया पर विशेष फोकस
• 💻 डिजिटल RTI पर प्रशिक्षण: ऑनलाइन पोर्टल के बेहतर उपयोग की दिशा में पहल
यह कदम न केवल RTI प्रणाली को मजबूत करेगा, बल्कि “जनता से संवाद” की भावना को भी प्रशासन में और गहराई से स्थापित करेगा।
Reported By – Jatin Sisodiya