नई दिल्ली/मॉस्को – रूस ने एक बार फिर भारत की स्वतंत्र और संतुलित विदेश नीति की सराहना की है। रूसी विदेश मंत्री **सर्गेई लावरोव** ने भारत को “स्वाभिमानी राष्ट्र” करार देते हुए कहा कि नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद अपने **राष्ट्रीय हितों** के अनुरूप फैसले लेने में सक्षम है।
लावरोव का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से भारत पर रूस से तेल आयात घटाने और व्यापारिक रुख बदलने का दबाव बढ़ रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति **डोनाल्ड ट्रंप** ने भारत को चेतावनी देते हुए 50% टैरिफ लगाने और आर्थिक दबाव बढ़ाने की बात कही थी।
रूसी विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री **नरेंद्र मोदी** की विदेश नीति की विशेष रूप से तारीफ की। उन्होंने कहा,
> “भारत का रूस से तेल खरीदने और व्यापार जारी रखने का निर्णय सराहनीय है। हम भारत की संप्रभुता और स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता का सम्मान करते हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मेरी बातचीत में हम कभी तेल-व्यापार जैसे मुद्दों पर दबाव नहीं डालते, क्योंकि हमें भरोसा है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए सही निर्णय लेगा।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान भारत-रूस संबंधों को और मजबूती देने वाला है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहे हैं। भारत ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि उसकी विदेश नीति **“भारत प्रथम”** के सिद्धांत पर आधारित है और वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय ध्रुवीकरण का हिस्सा नहीं बनेगा।
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि रूस का यह बयान भारत के लिए कूटनीतिक समर्थन है और यह संदेश देता है कि नई दिल्ली की रणनीति को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। यह अमेरिका को भी एक परोक्ष संकेत है कि भारत किसी बाहरी दबाव में अपनी ऊर्जा और व्यापार नीति नहीं बदलेगा।
Reported By – Jatin Sisodiya