

भोपाल। राजधानी भोपाल के भौरी स्थित कैंपियन स्कूल को सीवीएसई की मान्यता प्राप्त ना होने का मामला सामने आया है। इस मामले में अभिवाहकों का कहना है कि कैंपियन स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा सीबीएसई की मान्यता के बिना स्कूल संचालित कर रहे है। उन्होंने बच्चो को सीबीएसई के नाम पर एडमिशन देकर बच्चों को पूर्ण रूप से गुमराह किया है। इस महत्वपूर्ण विषय में भोपाल के नितेश लाल एवं गोपाल मुखरैया द्वारा कई वर्षों पहले जिला अदालत में स्कूल प्रबंधन एवं प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ होने का मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें अधिवक्ता रवि गोयल द्वारा इस केस की पैरवी की जा रही थी। आज दिनांक 29 अक्टूबर को न्यायाधीश श्री लोकेश तारण जी द्वारा कैंपियन स्कूल के प्रिंसिपल को एक वर्ष की सजा सुनाई गई। इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए अधिवक्ता रवि गोयल ने बताया कि कैंपियन स्कूल की डायरी, वेबसाईट, अन्य स्थानों पर स्कूल को सीबीएसई की मान्यता प्राप्त होने का दावा किया जा रहा था। जिसके चलते 1409 से अधिक बच्चो ने इस के चलते स्कूल में एडमिशन लिया और फीस के नाम पर काफ़ी मोटी रकम वसूली। इसके चलते नितेश लाल एवं गोपाल मुखरैया ने आर टी आई के माध्यम से जब स्कूल की जानकारी निकाली गई तो कैंपियन स्कूल को सीबीएसई की मान्यता प्राप्त ना होने की बात सामने आई। इसके अलावा यह स्कूल कृषि भूमि पर बनाया गया है। इन्होंने आरोप लगाया कि उनके बच्चों को सीबीएसई के नाम पर एडमिशन देकर गुमराह और धोखाधड़ी कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा था।
