
भारतीय मुद्रा पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मुस्कुराती तस्वीर देखना हम सबके लिए आम बात है, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि आखिर यह तस्वीर कैसे और कब चुनी गई।
भारत की आज़ादी के बाद जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी नई मुद्रा श्रृंखला जारी करनी शुरू की, तब तक कई नोटों पर अशोक स्तंभ, प्रतीक चिन्ह और अन्य डिज़ाइन छपते थे। लेकिन 1996 में रिज़र्व बैंक ने “महात्मा गांधी सीरीज़” की शुरुआत की और पहली बार गांधी जी का चेहरा भारतीय नोटों पर छापा गया। इसके बाद धीरे-धीरे सभी मूल्यवर्ग की करेंसी पर उनकी छवि आ गई।
गांधी जी की जो तस्वीर हम नोटों पर देखते हैं, वह किसी कलाकार द्वारा बनाई गई पेंटिंग नहीं है, बल्कि एक **वास्तविक फोटोग्राफ** है। यह फोटो 1946 में ली गई थी, जब गांधी जी तत्कालीन वायसराय लॉर्ड वेवेल से मुलाकात करने दिल्ली के वायसराय हाउस (अब राष्ट्रपति भवन) गए थे। उसी दौरान एपी (Associated Press) के फोटोग्राफर ने उनकी तस्वीर खींची थी। यही तस्वीर बाद में भारतीय मुद्रा के लिए चुनी गई।

इस तस्वीर में गांधी जी हल्की मुस्कान के साथ साइड पोज़ में दिखाई देते हैं। नोट पर इस्तेमाल करने से पहले इसे थोड़ा एडिट किया गया, ताकि चेहरे की स्पष्टता और छपाई की गुणवत्ता बनी रहे।
RBI ने गांधी जी की तस्वीर को मुद्रा पर इसलिए शामिल किया, क्योंकि वह सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम के नेता ही नहीं बल्कि भारत की आत्मा और राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक भी माने जाते हैं। उनकी मुस्कान वाली यह छवि भारत की शांति, सत्य और अहिंसा के संदेश को दर्शाती है।
आज भारतीय मुद्रा दुनिया भर में “महात्मा गांधी सीरीज़” के नाम से जानी जाती है और हर भारतीय नोट पर उनकी यही तस्वीर राष्ट्र की पहचान का प्रतीक बन चुकी है।
Reported By – Jatin Sisodiya