के अवसर पर की गई शस्त्र पूजा एक महत्वपूर्ण घटना है, जो हाल ही में संपन्न हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के संदर्भ में और भी खास हो जाती है। यह आयोजन भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक परंपरा और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।

आयोजन और उसका महत्व
- स्थल और अवसर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज में, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक रणनीतिक सैन्य अड्डा है, विजयदशमी (दशहरा) के पावन अवसर पर सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा की। भुज का चयन सीमा पर तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाने और भारत की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा तैयारियों को उजागर करने का स्पष्ट संकेत देता है।
- शस्त्र पूजा: उन्होंने कहा कि शस्त्र पूजा केवल एक परंपरा ही नहीं है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा और हमारी आस्था का प्रतीक है। यह पूजा भारतीय संस्कृति में शक्ति और हथियारों के प्रति सम्मान को दर्शाती है, साथ ही यह संकल्प भी दोहराती है कि इन शक्तियों का उपयोग केवल धर्म और न्याय की रक्षा के लिए किया जाएगा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान को संदेश
- ऑपरेशन सिंदूर की सफलता: राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल समापन पर भारतीय सेना के पराक्रम और साहस को नमन किया। यह ऑपरेशन तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) के बीच असाधारण तालमेल (संयुक्तता) का एक जीता-जागता उदाहरण था, जिसने पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमलों को रिकॉर्ड समय में विफल कर दिया।
- तीनों सेनाओं का समन्वय: उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह ऑपरेशन एकीकृत रीयल-टाइम ऑपरेशनल पिक्चर और बेहतरीन लॉजिस्टिक्स समन्वय के कारण सफल रहा। उन्होंने कहा कि यह भविष्य के सभी सैन्य अभियानों के लिए एक बेंचमार्क बनेगा।
- पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी: रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह एक्सपोज़ कर दिया और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत की सेनाएं जब, जहां और जैसे चाहें पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने संयम बरतने की बात कहते हुए यह भी स्पष्ट किया कि सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य आतंकवाद का विरोध करना था, न कि युद्ध छेड़ना। उन्होंने सर क्रीक जैसे विवादित क्षेत्रों में किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने की चेतावनी दी।
- सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन: शस्त्र पूजा के दौरान एल-70 एयर डिफेंस गन जैसे उन्नत सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया गया, जिसने ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन स्वार्म अटैक को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

जवानों का संकल्प और राष्ट्र की भावना
- सैनिकों का मनोबल: इस अवसर पर मौजूद जवानों ने भी देश की रक्षा के अपने संकल्प को दोहराया, जो उनके उच्च मनोबल और देश के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
- गर्व और ऊर्जा का संचार: भुज की धरती पर गूंजा “भारत माता की जय” का जयघोष न केवल सैनिकों के जोश को दर्शाता है, बल्कि पूरे राष्ट्र में नई ऊर्जा और गर्व का संचार भी करता है।
संक्षेप में, यह आयोजन सैन्य तैयारियों, सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रीय दृढ़ता के संगम को प्रदर्शित करता है, जिसमें एक सफल सैन्य अभियान की पृष्ठभूमि में, देश की रक्षा के लिए अटूट संकल्प को दोहराया गया।
Reported By – Jatin Sisodiya