
बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने शुक्रवार (10 अक्टूबर 2025) को उनके द्वारा दायर ₹100 करोड़ के हर्जाने के दीवानी मुकदमे (civil suit) को खारिज कर दिया। यह मुकदमा अभिनेता ने अपने भाई शमासुद्दीन सिद्दीकी और अपनी पूर्व पत्नी अंजना किशोर पांडे (उर्फ आलिया सिद्दीकी) के खिलाफ दाखिल किया था।
क्या थे नवाजुद्दीन के आरोप?
नवाजुद्दीन ने 2023 में दाखिल इस याचिका में अपने भाई और पूर्व पत्नी पर मानहानि, धोखाधड़ी और आर्थिक गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे।
उन्होंने दावा किया कि साल 2008 में उन्होंने अपने भाई को बिजनेस मैनेजर नियुक्त किया था। उस वक्त शमासुद्दीन बेरोजगार थे और नवाजुद्दीन ने उन पर पूरा भरोसा करते हुए अपने क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड, बैंक पासवर्ड, चेकबुक और ईमेल एक्सेस तक सौंप दिए थे।
अभिनेता का आरोप था कि इस भरोसे का शमासुद्दीन ने गलत फायदा उठाया। उनके मुताबिक, भाई ने उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा अपने नाम पर संपत्ति खरीदने में खर्च किया —
जैसे कि मुंबई में फ्लैट, शहापुर में फार्महाउस, मुज़फ्फरनगर में ज़मीन और दुबई में अपार्टमेंट।

लग्जरी गाड़ियों का जिक्र
दाखिल दस्तावेजों के मुताबिक, शमासुद्दीन ने नवाजुद्दीन के पैसों से कई महंगी कारें और बाइक्स खरीदीं —
BMW X5, Range Rover Sport, Jeep Wrangler, Mercedes-Benz GLS 300, Mahindra Thar, Ducati Scrambler, और कई अन्य गाड़ियाँ।
नवाजुद्दीन का कहना था कि ये सब खरीदारी उनकी जानकारी और मंजूरी के बिना की गई।
मानहानि और ब्लैकमेल के आरोप
नवाजुद्दीन ने यह भी आरोप लगाया कि उनके भाई और पूर्व पत्नी ने मिलकर झूठे केस, जैसे कि रेप और धोखाधड़ी के, दर्ज करवाए और सोशल मीडिया पर मानहानिपूर्ण पोस्ट साझा किए।
उन्होंने कहा कि अंजना (आलिया) ने बच्चों के खर्च के लिए दी जा रही ₹10 लाख प्रति माह की रकम और प्रोडक्शन हाउस शुरू करने के लिए दिए गए ₹2.5 करोड़ का दुरुपयोग किया।
अभिनेता के अनुसार, दोनों ने निजी वीडियो और बातचीत को लीक करने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि इन झूठे आरोपों और अफवाहों ने उनके करियर को भारी नुकसान पहुँचाया —
उनकी फ़िल्में जैसे Afwaah और Tiku Weds Sheru रिलीज़ में देरी का शिकार हुईं, और कई विज्ञापन डील जैसे Sprite कैंपेन रद्द हो गए।
मानसिक और पेशेवर नुकसान
नवाजुद्दीन ने कहा कि इन विवादों ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया, वे डिप्रेशन और आत्महत्या जैसी स्थिति तक पहुँच गए।
उन्होंने कोर्ट से माँग की थी कि आरोपी उनके खिलाफ कोई और पोस्ट न करें, पहले से डाले गए पोस्ट हटाएँ, अपनी संपत्ति का ब्योरा दें, सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगें और ₹100 करोड़ का हर्जाना अदा करें।

हाईकोर्ट का फैसला
हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाजुद्दीन की यह याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि इसमें पर्याप्त कानूनी आधार नहीं पाया गया। अदालत ने यह भी कहा कि इस मुकदमे में प्रस्तुत साक्ष्य और आरोप प्राथमिक दृष्टि में दीवानी विवाद (civil dispute) के दायरे में आते हैं, और इसे मानहानि या धोखाधड़ी का आपराधिक मामला नहीं माना जा सकता।
यह फैसला नवाजुद्दीन के लिए एक बड़ा झटका है, जबकि उनके परिवारिक विवाद पिछले कुछ वर्षों से सार्वजनिक रूप से चर्चा में रहे हैं।
Reported By – Jatin Sisodiya