
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के वामपंथी छात्र संगठनों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर मारपीट का आरोप लगाते हुए एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है. छात्र संगठनों ने इसको लेकर शनिवार को प्रदर्शन किया और विरोध मार्च निकाला.
वहीं एबीवीपी ने भी लेफ़्ट के छात्र संगठनों पर हिंसा का आरोप लगाया है.
लेकिन शाम होते-होते यह प्रदर्शन तनावपूर्ण हो गया. वामपंथी संगठनों ने दिल्ली पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस ने जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष नीतीश कुमार समेत 28 स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया.
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ी और ‘छह पुलिसकर्मियों को घायल’ किया.
जेएनयू छात्र संघ चुनाव से पहले छात्र संगठन सियासी जमीन को
मजबूत करने में जुट गए है। दशहरे के दिन जेएनयू परिसर में हुए बवाल को लेकर लेफ्ट और एबीवीपी का एक-दूसरे पर आरोप लगाने का दौर जारी है।
जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष मनीषा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी चुनाव नजदीक आते है। एबीवीपी की ओर से ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। जेएनयू में दशहरा और दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की परंपरा पहले से चली आ रही है। मगर, जानबूझकर एबीवीपी ने विसर्जन की घटना को धार्मिक रंग दिया।
जेएनयू के पूर्व छात्रों को रावण के अलग-अलग चेहरों में शामिल किया जबकि उमर खालिद और शरजील इमाम को लेकर कोर्ट की तरफ से कोई फैसला नहीं आया है। पूरा मामला अंडर ट्रायल है। ऐसे में पूर्व छात्रों के पुतले जलाने कहां तक ठीक है। उसी के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए परिसर के साबरमती टी प्वाइंट पर एकत्रित होने जा रहे थे। इस बीच यह बवाल हो गया। हमारे ऊपर चप्पल फेंकी गई और आंखों में रंग डाला गया। इस पूरे मामले को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन से जोड़ा गया। इस घटना की शिकायत पुलिस और प्रशासन से करेंगे। यह हिंसा एबीवीपी ने की है। वहीं, एबीवीपी से जेएनयू छात्र संघ के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कहा कि लेफ्ट छात्र संगठनों की चुनावी जमीन खिसक चुकी है उसी को बचाने के लिए यह विवाद किया। लेफ्ट छात्र संगठनों ने कैंपस के वातावरण को खराब किया। वामपंथियों ने दुर्गा पूजा विसर्जन यात्रा पर पत्थरबाजी की और चप्पल दिखाई। अलग-अलग यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट संगठनों की हार की यह बौखलाहट थी। घटना को लेकर पुलिस को शिकायत देंगे।

JNU: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दशहरा कार्यक्रम में छात्र संगठनों के बीच हुए बवाल को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में डीन छात्र कार्यालय ने एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के अनुसार विश्वविद्यालय में किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए अनुमति ली जानी चाहिए। ऐसा न करने पर आयोजकों के खिलाफ यूनिवर्सिटी नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
हॉस्टल में रहने वाले निवासियों को सतर्क रहने और परिसर में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने का परामर्श है। विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में आया है कि बृहस्पतिवार को परिसर में छात्रों के दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ। जेएनयू प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। प्रशासन ने कहा कि परिसर में सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जेएनयू प्रशासन किसी भी रूप में या किसी के द्वारा भी की गई हिंसा से निपटने के लिए कानून का कड़ाई से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
एडवाजरी के अनुसार जेएनयू प्रशासन ने छात्र समूहों से हिंसा का सहारा लेने और कानून को अपने हाथ में लेने से बचने की अपील की। ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई करने की बात की। आयोजकों को परामर्श दिया है कि विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार परिसर में किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए पूर्व अनुमति ली जानी चाहिए। वरना आयोजकों के विरुद्ध विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।