
अभियान भारत के कई राज्यों में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए चलाया गया था। इस आदेश के तहत पेट्रोल पंप मालिकों को निर्देश दिया गया था कि वे बिना हेलमेट पहने बाइक चालकों को पेट्रोल न दें।👉 मुख्य उद्देश्य• लोगों में हेलमेट पहनने की आदत डालना।

• सड़क हादसों और सिर पर चोट से होने वाली मौतों को कम करना।• यातायात नियमों के पालन के प्रति जागरूकता बढ़ाना।👉 प्रभाव और विवाद• शुरुआती दौर में इस आदेश से लोगों पर बड़ा असर पड़ा। बहुत से दोपहिया वाहन चालकों ने हेलमेट पहनना शुरू कर दिया।• हालांकि समय के साथ पंप मालिकों और आम जनता की ओर से असुविधा की शिकायतें आने लगीं। पेट्रोल पंप कर्मचारियों को बाइक सवारों से झगड़े की स्थिति का सामना करना पड़ता था।

• कानूनी तौर पर भी यह सवाल खड़ा हुआ कि पेट्रोल देने से रोकना पेट्रोल पंप का अधिकार है या नहीं।👉 अवधि समाप्त होने का असरअब जब आदेश की अवधि पूरी हो चुकी है, तो पंप मालिकों को यह बाध्यता नहीं है कि वे बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल देने से इनकार करें। इससे यह साफ है कि आदेश केवल अस्थायी आधार पर लागू था।👉 सरकार और ट्रैफिक विभाग का संदेशभले ही आदेश खत्म हो गया हो, लेकिन सड़क सुरक्षा नियम अभी भी लागू हैं। बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर चालान और दंड का प्रावधान जारी है। सरकार का कहना है कि लोगों को केवल डर या रोक-टोक से नहीं बल्कि खुद की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनने की आदत डालनी चाहिए।
Reported By – Jatin Sisodiya